बोलो अपने भाई को!
भाई की दुआएं पर कोई अनुचित नज़र रखे, उसे हमेशा प्रिय समझें। हर घड़ी में उनके साथ रुकना की कोशिश करें, उन्हें अपनी उम्मीद का हिस्सा बनाएं।
भाई की दुआएं पर कोई अनुचित नज़र रखे, उसे हमेशा प्रिय समझें। हर घड़ी में उनके साथ रुकना की कोशिश करें, उन्हें अपनी उम्मीद का हिस्सा बनाएं।